श्री पांडुरंगा अष्टकम Shri Pandurang Ashtakam
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महायोगपीठे तटे भीमरथ्या वरं पुंडरीकाय दातुं मुनीद्रैः ।
समागत्य तिष्टंतमानंदकदं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ १ ॥
तडिद्वाससं नीलमेघावभासं रमामंदिरं सुंदरं चित्प्रकाशम् ।
वरं त्विष्टिकायां समन्यस्तपादं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ २ ॥
प्रमाणं भवाब्धेरिदं मामकानां नितंबः कराभ्यां धृतो येन तस्मात् ।
विधातुर्वसत्यै धृतो नाभिकोशः परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ३ ॥
स्फुरत्कौस्तुभालंकृतं कंठदेशे श्रिया जुष्टकेयूरकं श्रीनिवासम् ।
शिवं शान्तमीड्यं वरं लोकपालं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ४ ॥
शरचंद्रबिबाननं चारुहासं लसत्कुंडलक्रान्तगंडस्थलांगम् ।
जपारागबिंबाधरं कंजनेत्रम् परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ५ ॥
किरीटोज्ज्वलत्सर्वदिक् प्रान्तभागं सुरैरर्चितं दिव्यरत्नैरमर्घ्यैः ।
त्रिभंगाकृतिं बर्हमाल्यावतंसं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ६ ॥
विभुं वेणुनादं चरन्तं दुरन्तं स्वयं लीलया गोपवेषं दधानम् ।
गवां वृंदकानन्दनं चारुहासं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ७ ॥
अजं रुक्मिणीप्राणसंजीवनं तं परं धाम कैवल्यमेकं तुरीयम् ।
प्रसन्नं प्रपन्नार्तिहं देवदेवं परब्रह्मलिंगं भजे पांडुरंगं ॥ ८ ॥
स्तवं पांडुरंगस्य वै पुण्यदं ये पठन्त्येकचित्तेन भक्त्या च नित्यम् ।
भवांबोनिधिं तेऽपि तीर्त्वाऽन्तकाले हरेरालयं शाश्र्वतं प्राप्नुवन्ति ॥ ९ ॥
॥ इति श्री परम पूज्य शंकराचार्यविरचितं श्रीपांडुरंगाष्टकं संपूर्णं ॥
श्री पांडुरंगा अष्टकम के लाभ
- श्री पांडुरंगा जी को भगवान विष्णु जी का ही अवतार माना जाता है
- श्री पांडुरंगा अष्टकम का पाठ करने से हर संकट दूर हो जाते है
- यह पाठ करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है
- यह पाठ बहुत चमत्कारी है
- इस पाठ को करने से सकरात्मक ऊर्जा मिलती है
- यह पाठ करने से बुरे विचारो से निजात मिलती है
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FAQ’S
श्री पांडुरंगा जी को किनका अवतार माना जाता है?
श्री पांडुरंगा जी को विष्णु भगवान जी का अवतार माना जाता है
विठल किसके अवतार है?
विठल श्री हरी के अवतार है