राहु ग्रह मंत्र
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राहु ग्रह का वैदिक मंत्र
Rahu Graha Ke Tantrik Mantra
Rahu Graha Ke Poranik Mantra
राहु ग्रह का गायत्री मंत्र
राहु दोष निवारण पूजा
कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है और मन अशांत हो जाता है। किसी भी कार्य को संपन्न कर पाना मुश्किल होता है और मेहनत करते हुए भी असफल होने का डर रहता है। इसके अलावा मनुष्य के जीवन में आर्थिक नुकसान, कार्य में बाधाओं का आना और राहु ग्रह अन्य ग्रहों के साथ मिलकर अशुभ प्रभाव देना शुरू हो जाता है
राहु ग्रह किसी के जीवन में अचानक अप्रिय परिवर्तन ला सकता है, जबकि रही ग्रह अन्य ग्रहों के साथ एक अच्छी स्थिति में हो तो अपार उन्नति और विकास को बढ़ा सकता है। आमतोर पर राहु को एक अशुभ ग्रह के रूप में जाना जाता है, और राहु दोष किसी व्यक्ति के जीवन में बाधाओं का मुख्या कारण बन सकता है। इसी से मनुष्य को दुखों और अप्रिय घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
राहु ग्रह के प्रकोप से बचने के लिए राहु दोष निवारण पूजा का करना जरुरी है। जिससे यह ग्रह आपकी कुंडली में होते हुए भी अशुभ फल नहीं देता। राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए। राहु की वजह से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए राहु यंत्र को घर में रखें और प्रतिदिन इसकी की पूजा करें। कुंडली में यदि राहु का प्रवेश हो गया हो तो हनुमान जी की पूजा रोज़ करनी चाहिए।
राहु दोष निवारण पूजा विधि
१. शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले और मोर पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बाँध लेँ। एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियाँ रखें और उनपर गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें “ॐ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:”
२. धुप और चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें। राहु ले लिए मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं या फिर गुड़ का भोग लगाए । राहु का जाप मंत्र :- “ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥” रोज़ करें। ऐसा करने से कुंडली में राहु दोष का प्रभाव काम होगा।
यहां राहु दोष निवारण पूजा के कुछ लाभ बताए गए हैं
- मनुष्य के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में स्थिरता लाता है।
- अचानक आए अप्रिय परिवर्तन से बचाता है।
- राहु के हानिकारक प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
- राहु के कारण होने वाले जीवन में तनाव से राहत मिलती है।