श्री मारुती स्तोत्र
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॥ श्रीगणेशाय नम: ॥
ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाप्रज्वलनाय ।
प्रतापवज्रदेहाय । अंजनीगर्भसंभूताय ।
प्रकटविक्रमवीरदैत्यदानवयक्षरक्षोगणग्रहबंधनाय ।
भूतग्रहबंधनाय । प्रेतग्रहबंधनाय । पिशाचग्रहबंधनाय ।
शाकिनीडाकिनीग्रहबंधनाय । काकिनीकामिनीग्रहबंधनाय ।
ब्रह्मग्रहबंधनाय । ब्रह्मराक्षसग्रहबंधनाय । चोरग्रहबंधनाय ।
मारीग्रहबंधनाय । एहि एहि । आगच्छ आगच्छ । आवेशय आवेशय ।
मम हृदये प्रवेशय प्रवेशय । स्फुर स्फुर । प्रस्फुर प्रस्फुर । सत्यं कथय ।
व्याघ्रमुखबंधन सर्पमुखबंधन राजमुखबंधन नारीमुखबंधन सभामुखबंधन
शत्रुमुखबंधन सर्वमुखबंधन लंकाप्रासादभंजन । अमुकं मे वशमानय ।
क्लीं क्लीं क्लीं ह्रुीं श्रीं श्रीं राजानं वशमानय ।
श्रीं हृीं क्लीं स्त्रिय आकर्षय आकर्षय शत्रुन्मर्दय मर्दय मारय मारय
चूर्णय चूर्णय खे खे श्रीरामचंद्राज्ञया मम कार्यसिद्धिं कुरु कुरु ॐ हृां हृीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् स्वाहा
विचित्रवीर हनुमत् मम सर्वशत्रून् भस्मीकुरु कुरु ।
हन हन हुं फट् स्वाहा ॥
एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून् वशमानयति नान्यथा इति ॥
॥ इति श्रीमारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥
श्री मारुती स्तोत्र के लाभ
- श्री मारुती स्तोत्र का पाठ करने से सब कष्ट दूर होते है
- श्री मारुती स्तोत्र का पाठ करने से सकरात्मक ऊर्जा मिलती है
- इस स्तोत्र का पाठ करने से सब दुखो का अंत होता है
- यह स्तोत्र बहुत चमत्कारी है
- इस स्तोत्र का पाठ करने से शारीरिक रोग दूर होते है
- श्री मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी बहुत प्रसन होते है
- इस स्तोत्र का पाठ करने से सुख और समृद्धि का वास होता है
श्री मारुती स्तोत्र की विधि
- श्री मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा मिलती है
- इस पाठ को मंगलवॉर के दिन करना चाहिए
- सुबह स्नान करके स्वच्छ कपडे पहने
- लाल रंग के कपडे पहना शुभ होता है
- मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के सामने लाल रंग का आसान बिछाये
- हनुमान जी को तिलक लगाए
- हनुमान जी पर पुष्प चढ़ाये
- हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाये
- फिर श्री मारुती स्तोत्र का पाठ आरम्भ करे
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FAQ’S
Q.1 <strong>श्री मारुती स्तोत्र किसने रचा था?</strong>
श्री मारुती स्तोत्र का पाठ समर्थ रामदास जी ने रचा था
Q.2 <strong>श्री मारुती स्तोत्र कब करना चाहिए?</strong>
श्री मारुती स्तोत्र का पाठ मंगलवार के दिन करना चाहिए