मंगला गौरी स्तुति
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जय जय गिरिराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनी दुति गाता॥
देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥
मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही के॥
कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि॥
सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥
मंगला गौरी स्तुति के लाभ
- मंगला गौरी स्तुति का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है
- मंगला गौरी स्तुति का पाठ करने से हर परेशानी दूर होती है
- यह पाठ करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है
- इस पाठ को करने से कोई भी रोग हो वो ठीक हो जाता है
- यह पाठ करने से गृह कलेश से मुक्ति मिलती है
- कुंडली में मांगलिक दोष हो तो यह भी दूर होता है
- मंगला गौरी जी का व्रत भी रखा जाता है
मंगला गौरी स्तुति की विधि
- सुबह स्नान करके स्वच्छ कपडे पहने
- मंदिर में जाकर माता पार्वती की प्रतिमा के सामने बैठ जाये
- मगला गौरी पार्वती जी का ही स्वरुप है
- पार्वती जी की प्रतिमा पर तिलक करे
- फिर मंगला गौरी स्तुति आरम्भ करे
FAQ’S
मंगला गौरी जी की पूजा किस दिन की जाती हैं?
मंगला गौरी जी की पूजा मंगलबार के दिन की जाती हैं
मंगला गौरी जी का व्रत कब आता है?
मंगला गौरी जी का व्रत अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार पहला व्रत 4 जुलाई 2023, दूसरा 11 जुलाई 2023, तीसरा 18 जुलाई 2023 और चौथा 25 जुलाई 2023 को रखा जाएगा।