सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर 

 

लक्ष्मी नारायण मंदिर, बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

दिल्ली के इस प्रमुख आकर्षण का निर्माण उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा किया गया जो 1939 में पूर्ण हुआ और जिसका उद्घाटन महात्मा गाँधी ने किया। ये दिल्ली की प्रमुख आकर्षण में एक हैं।

यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर राजा बलदेव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और महात्मा गांधी ने इसका उदघाटन किया था।

यह मंदिर मूल रूप में 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया था और 1793 में पृथ्वी सिंह ने में जीर्णोद्वार कराया। 1938 में बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।

 
लक्ष्मी नारायण मंदिर 'बिड़ला मंदिर' दिल्ली
 

लक्ष्मी नारायण मंदिर का इतिहास

 

बिड़ला मंदिर अपने यहाँ मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी (धन और संपत्ति की देवी) और नारायण (उनके पति और त्रिमूर्ति के पालक) को समर्पित है।

इनके अलावा इस मंदिर के चारों ओर भगवान कृष्ण, शिव, गणेश, हनुमान और बुद्ध को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं। यहाँ देवी दुर्गा – शक्ति की देवी, को समर्पित एक मंदिर भी है।

तीन मंजिला यह मंदिर हिंदू, मंदिर वास्तुकला के नागारा शैली में बनाया गया है। आचार्य विश्वनाथ शास्त्री की अध्यक्षता में बनारस के लगभग 100 कुशल कारीगरों द्वारा मंदिर की मूर्तियों की नक्काशी की। मंदिर की मूर्तियां जयपुर से लाए गए संगमरमर द्वारा बनाई गई थीं।

मंदिर परिसर के निर्माण में मकराना, आगरा, कोटा और जैसलमेर का कोटा पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण की मुख्य मंदिरों की मूर्तियां बिरला मंदिर हजारों भक्तों को जन्माष्टमी और दिवाली के हिंदू त्योहारों पर आकर्षित करती है।

 
लक्ष्मी नारायण मंदिर 'बिड़ला मंदिर' दिल्ली
 

लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण

हिंदू मंदिर स्थापत्य कला की नगर शैली में बने इस मंदिर का निर्माण पंडित विश्वनाथ शास्त्री नाम के व्यक्ति के मार्गदर्शन में हुआ और इसके पूर्ण होने के बाद महात्मा गाँधी इसके उद्घाटन के लिए इस शर्त पर राज़ी हुए कि इस मंदिर में सभी धर्म और जातियों के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

7.5 एकड के क्षेत्र में फैले हुए इस लक्ष्मी नारायण मंदिर का परिसर आकर्षक हरे उद्यानों और फव्वारों से मिलकर बना है जो प्रतिवर्ष हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, अधिकांशतः दीवाली और जन्माष्टमी के दौरान।

इस मंदिर की इतिहास की बात की जाय तो यह मंदिर मूल रूप में 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया था, उसके बाद पृथ्वी सिंह ने 1793 में इसका जीर्णोद्धार कराया।

सन 1938 भारत के में बड़े औद्योगिक परिवार, बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।

 
लक्ष्मी नारायण मंदिर 'बिड़ला मंदिर' दिल्ली
 
 

इसके वास्तुशिल्प की बात की जाए तो यह मंदिर उड़ियन शैली में निर्मित है। मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआपत्थिर से बना है जो मुगल शैली की याद दिलाता है। मंदिर में तीन ओर दो मंजिला बरामदे हैं और पिछले भाग में बगीचे और फव्वारे हैं।

लक्ष्मीनारायण मन्दिर के पिछले हिस्से में यज्ञशाला के साथ कृत्रिम पहाड़ी, गुफ़ाएँ, झरने आदि बनाए गए हैं। साथ ही गीता भवन स्थित है, जहाँ भगवान श्री कृष्ण की विशाल प्रतिमा एवं महाभारतकालीन चित्र हैं। एक तरफ़ भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन की झाँकी देखी जा सकती है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर का गर्वग्रह

मुख्य मंदिर के भीतर भगवान नारायण और देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की गयी है। मंदिर में दूसरी मुख्य मूर्तियाँ जैसे भगवान शिव, भगवान गणेश और हनुमान की मूर्ति भी शामिल है। साथ ही मंदिर परिसर में भगवान बुद्धा को समर्पित भी एक मूर्ति है।

मंदिर की बायीं तरफ देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गयी है।

मंदिर तक़रीबन 7.5 एकर के परिसर में फैला हुआ है और लगभग 0.52 एकर के परिसर में मंदिर का निर्माण किया गया है। और इसके परिसर में बहुत से फाउंटेन, प्राचीन मूर्तियाँ और राष्ट्रिय शिलालेख भी बने हुए है।

यह मंदिर दिल्ली आने वाले यात्रियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। जन्माष्टमी और दीवाली के समय यह मंदिर लाखो श्रद्धालुओ को आकर्षित करता है।

कनॉट प्लेस के पास मंदिर मार्ग पर स्थित इस मंदिर तक परिवहन के सभी साधनों द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है और सप्ताह में सात दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।


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FAQ’S

  1. <strong>भारत में बिरला मंदिर कितने है?<br></strong>

    भारत में 14 बिरला मंदिर है

  2. <strong>बिरला मंदिर में कौन से भगवान है?<br></strong>

    बिरला मंदिर लक्ष्मी नारायण जी का है


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