माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र

!! ध्यान !!
 
करालवदनां घोरांमुक्तकेशींचतुर्भुताम्।
 
कालरात्रिंकरालिंकादिव्यांविद्युत्मालाविभूषिताम्॥
 
 
दिव्य लौहवज्रखड्ग वामाघो‌र्ध्वकराम्बुजाम्।
 
अभयंवरदांचैवदक्षिणोध्र्वाघ:पाणिकाम्॥
 
 
महामेघप्रभांश्यामांतथा चैपगर्दभारूढां।
 
घोरदंष्टाकारालास्यांपीनोन्नतपयोधराम्॥
 
 
सुख प्रसन्न वदनास्मेरानसरोरूहाम्।
 
एवं संचियन्तयेत्कालरात्रिंसर्वकामसमृद्धिधदाम्॥
 
 
 
हीं कालरात्रि श्रींकराली चक्लींकल्याणी कलावती।
 
कालमाताकलिदर्पध्नीकमदींशकृपन्विता॥
 
 
कामबीजजपान्दाकमबीजस्वरूपिणी।
 
कुमतिघन्ीकुलीनार्तिनशिनीकुल कामिनी॥
 
 
क्लींहीं श्रींमंत्रवर्णेनकालकण्टकघातिनी।
 
कृपामयीकृपाधाराकृपापाराकृपागमा॥
 
Kaalratri Devi Stotram माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र
 

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