भाग्य जगाने का मंत्र 

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्व ।

 
गुरूश्व शुक्रः शनिश्राहुक, तवःकुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम ।।
 
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। 
 
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।
 
जय लोकप्रदीपाय जय भानो जगत्पते। जय कालजयानन्त संवत्सर शुभानन ।
 

ॐ कुलदेवतायै नम: ( 21 बार ) 

ॐ कुलदैव्यै नम: ( 21 बार )
 
ॐ नागदेवतायै नम: ( 21 बार )
 
ॐ पितृ दैवतायै नम: ( 108 बार )


भाग्य जगाने का मंत्र
भाग्य जगाने का मंत्र

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