नवनाथ शाबर मन्त्र

“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री। 
 
ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात, अभय पन्थ, सूक्ष्म-वेद, असंख्य शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल-स्वरुप रुद्र-वर्ण। 
 
सर्व-देव ध्यायते। आए श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ। ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्। 
 
ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया। गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठ। नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के सुनाया। 
 
सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।।”
 

नवनाथ स्तुति  Navnath Stuti

“आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी। सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन की राखै। कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-नाथ सहाई। 
 
ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ दादा बहुरङ्गी। गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-मल, तारै भव-पीरा। नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिए। 
 
रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै। भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों का नाम। सेवक सुमरे चन्द्र-नाथ, पूर्ण होंय सब काम।।” 
 
विधिः प्रतिदिन नव-नाथों का पूजन कर उक्त स्तुति का २१ बार पाठ कर मस्तक पर भस्म लगाए। इससे नवनाथों की कृपा मिलती है। 
 
साथ ही सब प्रकार के भय-पीड़ा, रोग-दोष, भूत-प्रेत-बाधा दूर होकर मनोकामना, सुख-सम्पत्ति आदि अभीष्ट कार्य सिद्ध होते हैं। २१ दिनों तक, २१ बार पाठ करने से सिद्धि होती है।
 

नवनाथ शाबर मन्त्र  Navnath Shabar Mantra

“ॐ नमो आदेश गुरु की। ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती। सत्य-नाथ ब्रह्मा। 
 
सन्तोष-नाथ विष्णुः, अचल अचम्भे-नाथ। गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ, ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ। माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ, जति-गुरु है गोरख-नाथ। 
 
घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई। नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई। ॐ नमो आदेश गुरु की।।”
 
विधिः- पूर्णमासी से जप प्रारम्भ करे। जप के पूर्व चावल की नौ ढेरियाँ बनाकर उन पर ९ सुपारियाँ मौली बाँधकर नवनाथों के प्रतीक-रुप में रखकर उनका षोडशोपचार-पूजन करे। 
 
तब गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण कर आह्वान करे। 
 
फिर मन्त्र-जप करे। प्रतिदिन नियत समय और निश्चित संख्या में जप करे। 
 
ब्रह्मचर्य से रहे, अन्य के हाथों का भोजन या अन्य खाद्य-वस्तुएँ ग्रहण न करे। स्वपाकी रहे। इस साधना से नवनाथों की कृपा से साधक धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है। 
 
उनकी कृपा से ऐहिक और पारलौकिक-सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
 
विशेषः-’शाबर-पद्धति’ से इस मन्त्र को यदि ‘उज्जैन’ की ‘भर्तृहरि-गुफा’ में बैठकर ९ हजार या ९ लाख की संख्या में जप लें, तो परम-सिद्धि मिलती है और नौ-नाथ प्रत्यक्ष दर्शन देकर अभीष्ट वरदान देते हैं।
 
 

नवनाथ स्मरण  Navnath Smaran

“आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप। जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ। हस्ती-रुप गनेश भतीजै, ताकु कन्थड-नाथ कही जै। 
 
माया-रुपी मछिन्दर-नाथ, चन्द-रुप चौरङ्गी-नाथ। शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु-रुपी गुरु गोरख-नाथ। घट-घट-व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव। 
 
ॐ नमो नव-नाथ-गण, चौरासी गोमेश। आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश। 
 
ॐ श्री नव-नाथाय नमः।।”
 
विधिः- उक्त स्मरण का पाठ प्रतिदिन करे। इससे पापों का क्षय होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
 
सुख-सम्पत्ति-वैभव से साधक परिपूर्ण हो जाता है। २१ दिनों तक २१ पाठ करने से इसकी सिद्धि होती है।
 
navnath mantra नवनाथ शाबर मन्त्र
 
 

नवनाथ शाबर मन्त्र के लाभ

  • नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप करने से भय और दुःख दूर होता है
  • नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप करने से भूत ,प्रेत ,जादू,टोने का समाधान होता है
  • इस मंत्र का जाप करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है
  • नवनाथ जी के रूप का ध्यान कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए
  • इस मंत्र का जाप सुबह शाम कभी भी कर सकते है

नवनाथ शाबर मन्त्र की विधि

  • नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप पूर्णिमा के दिन करे
  • इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए
  • इस मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए
  • इस मंत्र का जाप किसी भी मंगलवार को भी कर सकते है

यह भी जरूर पढ़ें:-


FAQ’S

  1. नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप कितनी बार करना चाहिए ?

    नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप 108 बार करना चाहिए

  2. नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप किस दिन करना चाहिए?

    नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप मंगलवार या रविवार के दिन करना चाहिए


नवनाथ शाबर मन्त्र PDF


Leave a comment