माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति
‘सह्स्र सूर्य-सी दीप्तिमान
लाल वस्त्र पहने
रक्त रंजित ओष्ठ लाल
ग्रीवा में डाले मुण्डमाल
चतुर्भुजा माँ भैरवी
दो हाथों में पुस्तक-माला
दो हाथों से देती
वरदान
और विश्वास
कमल सरीखे तीन नयन हैं माँ के
सिर पर रत्न मुकुट और अर्ध चंद्र
शत्रु संहारिणी
शव सिंहासिनी
माँ भैरवी !
शत्रुओं से घिरे हम
न दीखता कोई रास्ता है
पाएँ कैसे हम छुटकारा
माँ आप ही कर दो ऐसी युक्ति
जिससे हमें मिल जाये मुक्ति
कोई नहीं हमारा है
माँ आप ही का सहारा है
दुख हर लो मेरा
त्राता, दाता
करो कृपा
माँ भैरवी !!