दुर्गा देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र
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अपराध सहस्राणि कृयन्थे आहर्निसं मया ।
दासो आयमिथि मां मथ्व क्शमस्व परमेश्वरि ॥१॥
आवजनं न जानामि, न जानामि विसर्जनम्,
पूजां चैव न जानामि, क्षंयथं अरमेश्वरि ॥२॥
मन्थ्रहीनम् , क्रियाहीनं, भक्थिहीनं, श्रुरेस्वरि ।
यतः पूजिथं मया देवी परिपूर्णं थादस्थुथे ॥३॥
आपराध स्थं क्रुथ्व जगदंबेथि चो उचरतः ।
यं गथिं संवप्नोथे न थां ब्रह्मदाय सुरा ॥४॥
सपरधोस्मि सरणं प्रथस्थ्वं जगदम्बिके ।
इधनी मनु कंप्योऽहं यदेच्छसि तदा कुरु ॥५॥
अज्ञान स्मृथेर्ब्रन्थ्य यन्यूनं अधिकं कर्थं ।
ततः सर्व क्षंयधं देवी प्रसीध परमेश्वरि ॥६॥
ख़मेश्वरि जगन्मथ सचिदनन्द विग्रहे ।
ग़्रहनर्चमीमम् प्रीथ्य प्रसीद परमेश्वरि ॥७॥
गुह्यधि गुह्य गोप्थ्री ग्रहण अस्मद कर्थं जपं ।
सिधिर भवथु मेय देवी थ्वत् प्रसादतः सुरेश्वरि ॥८॥
देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र के लाभ
- देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र के लाभ का पाठ बहुत ही लाभदायक होता है
- दुर्गा देवी क्षमा प्रार्थना स्तोत्र का पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है
- यह पाठ करने से किसी भी तरह का भय हो तो दूर हो जाता है
- इस पाठ को करने से हर बीमारी से निजात मिलता है
- यह पाठ बहुत चमत्कारी पाठ है
- इस पाठ को सवछतापूर्वक करने से दुर्गा माता की असीम कृपा मिलती है
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FAQ’S
<strong>दुर्गा माता की पूजा किस दिन करनी चाहिए?</strong>
दुर्गा माता की पूजा मंगलवॉर के दिन करनी चाहिए
<strong>माँ दुर्गा का वाहन क्या है?</strong>
माँ दुर्गा का वाहन शेर है