माँ चंद्रघंटा देवी स्तोत्र

!! ध्यान !!
 
 
 वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम्।
 
सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्॥
 
 
कंचनाभां मणिपुर स्थितां तृतीयं दुर्गा त्रिनेत्राम्।
 
खड्ग, गदा, त्रिशूल, चापशंर पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥
 
 
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्यां नानालंकार भूषिताम्।
 
मंजीर हार, केयूर, किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
 
 
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुग कुचाम्।
 
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटिं नितम्बनीम्॥
 
 
 
आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्ति: शुभा पराम्।
 
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यीहम्॥
 
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्ट मंत्र स्वरूपणीम्।
 
धनदात्री आनंददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
 
 
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायनीम्।
 
सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
 
 
माँ चंद्रघंटा देवी स्तोत्र
माँ चंद्रघंटा देवी स्तोत्र

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