ध्यान पर वैज्ञानिक शोध - Scientific Research on Yoga Meditation
मेडिटेशन यानी ध्यान न सिर्फ अध्यात्म से जुड़ा है बल्कि ये विज्ञान से भी जुड़ा है।
इसके नियमित अभ्यास से शरीर को फायदा होता है|
यह बात विज्ञान ने भी स्वीकार किया है और वैज्ञानिक शोधों के जरिये इन बातों की पुष्टि हुई है कि नियमित मेडिटेशन ( Meditation ) करने से दिमाग स्वस्थ होता है और याद्दाश्त बढ़ती है।
साथ ही यह शरीर को स्थिर कर मजबूत बनाता है। तो अब न केवल अध्यात्मिक कारणों से बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में आप जरूर शामिल करें।
इसके नियमित अभ्यास से शरीर को फायदा होता है|
यह बात विज्ञान ने भी स्वीकार किया है और वैज्ञानिक शोधों के जरिये इन बातों की पुष्टि हुई है कि नियमित मेडिटेशन ( Meditation ) करने से दिमाग स्वस्थ होता है और याद्दाश्त बढ़ती है।
साथ ही यह शरीर को स्थिर कर मजबूत बनाता है। तो अब न केवल अध्यात्मिक कारणों से बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में आप जरूर शामिल करें।
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Benefits of Meditations |
ध्यान एक विश्राम है।
यह किसी वस्तु पर अपने विचारों का केन्द्रीकरण या एकाग्रता नहीं है, अपितु यह अपने आप में विश्राम पाने की प्रक्रिया है।
ध्यान करने से हम अपने किसी भी कार्य को एकाग्रता पूर्ण सकते हैं।
यह किसी वस्तु पर अपने विचारों का केन्द्रीकरण या एकाग्रता नहीं है, अपितु यह अपने आप में विश्राम पाने की प्रक्रिया है।
ध्यान करने से हम अपने किसी भी कार्य को एकाग्रता पूर्ण सकते हैं।
- मेडिटेशन तनाव मुक्ति का सबसे कारगर उपाय है।
- वैज्ञानिकों ने भी मेडिटेशन के फायदों को स्वीकारा।
- मेडिटेशन के जरिये दिमाग अधिक क्रियाशील बनेगा।
- मेडिटेशन शरीर को स्थिर और मजबूत बनाता है।
ध्यान के कारण शरीर की आतंरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होते हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिका प्राणतत्व (ऊर्जा) से भर जाती है।
शरीर में प्राणतत्व के बढ़ने से प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है।
शरीर में प्राणतत्व के बढ़ने से प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है।
व्यक्तित्व के विकास में सहायक
पेनीसिल्वेनिया विश्विविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गये एक शोध के अनुसार, मेडिटेशन व्यक्तित्व के विकास में सहायक होता है।
इस शोध के अनुसार, मेडिटेशन द्वारा मस्तिष्क को तीन चरणों में एकाग्रचित किया जा सकता है।
साथ ही सक्रिय रहते हुए मस्तिष्क को प्रत्येक बिंदु पर क्रियाशील बनाया जा सकता है।
इस शोध के दौरान प्रतिभागियों को एक महीने तक 30 मिनट की मेडिटेशन करने के लिए कहा गया।
एक महीने के पश्चात उनके मस्तिष्क की क्रियाओं को मापा गया और उनकी मानसिक गतिविधियों का निरीक्षण किया गया।
इस शोध के निष्कर्ष स्वरूप इन प्रतिभागियों के मस्तिष्क और व्यवहार में काफी सकारात्मक परिवर्तन सामने आए।
इस शोध के अनुसार, मेडिटेशन द्वारा मस्तिष्क को तीन चरणों में एकाग्रचित किया जा सकता है।
साथ ही सक्रिय रहते हुए मस्तिष्क को प्रत्येक बिंदु पर क्रियाशील बनाया जा सकता है।
इस शोध के दौरान प्रतिभागियों को एक महीने तक 30 मिनट की मेडिटेशन करने के लिए कहा गया।
एक महीने के पश्चात उनके मस्तिष्क की क्रियाओं को मापा गया और उनकी मानसिक गतिविधियों का निरीक्षण किया गया।
इस शोध के निष्कर्ष स्वरूप इन प्रतिभागियों के मस्तिष्क और व्यवहार में काफी सकारात्मक परिवर्तन सामने आए।
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How to do Meditations |
तनाव कम करने में मददगार
योग गुरु सदियों से इस बात को मानते हैं कि महज एक महीने के मेडिटेशन से दिमागी को दुरुस्त किया जा सकता है।
लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को माना है।
अध्ययन से पता चला है कि मेडिटेशन के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया।
उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए।
लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को माना है।
अध्ययन से पता चला है कि मेडिटेशन के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया।
उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए।
अध्ययन के दौरान मस्तिष्क के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हिस्से में भी अच्छे बदलाव पाये गये।
इस हिस्से में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों यानी एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं।
इसके अलावा जर्नल हेल्थ साईकोलॉजी में हाल ही में हुए शोध के अनुसार मेडिटेशन से तनाव मुक्ति और शांति पाने का सबसे कारगर उपाय है।
मेडिटेशन से शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है।
इस हिस्से में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों यानी एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं।
इसके अलावा जर्नल हेल्थ साईकोलॉजी में हाल ही में हुए शोध के अनुसार मेडिटेशन से तनाव मुक्ति और शांति पाने का सबसे कारगर उपाय है।
मेडिटेशन से शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है।
ध्यान के मानसिक लाभ - Benefits of Meditation
ध्यान, मस्तिष्क की तरंगों के स्वरुप को अल्फा स्तर पर ले आता है जिससे चिकित्सा की गति बढ़ जाती है।
मस्तिष्क पहले से अधिक सुन्दर, नवीन और कोमल हो जाता है।
ध्यान मस्तिष्क के आतंरिक रूप को स्वच्छ व पोषण प्रदान करता है।
जब भी आप व्यग्र, अस्थिर और भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं तब ध्यान आपको शांत करता है।
ध्यान के सतत अभ्यास से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:
मस्तिष्क पहले से अधिक सुन्दर, नवीन और कोमल हो जाता है।
ध्यान मस्तिष्क के आतंरिक रूप को स्वच्छ व पोषण प्रदान करता है।
जब भी आप व्यग्र, अस्थिर और भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं तब ध्यान आपको शांत करता है।
ध्यान के सतत अभ्यास से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:
- व्यग्रता का कम होना
- भावनात्मक स्थिरता में सुधार
- रचनात्मकता में वृद्धि
- प्रसन्नता में संवृद्धि
- सहज बोध का विकसित होना
- मानसिक शांति एवं स्पष्टता
- परेशानियों का छोटा होना
- ध्यान मस्तिष्क को केन्द्रित करते हुए कुशाग्र बनाता है तथा विश्राम प्रदान करते हुए विस्तारित करता है।
बिना विस्तारित हुए एक कुशाग्र बुद्धि क्रोध, तनाव व निराशा का कारण बनती है।
एक विस्तारित चेतना बिना कुशाग्रता के अकर्मण्य/ अविकसित अवस्था की ओर बढ़ती है।
कुशाग्र बुद्धि व विस्तारित चेतना का समन्वय पूर्णता लाता है।
ध्यान आपको जागृत करता है कि आपकी आतंरिक मनोवृत्ति ही प्रसन्नता का निर्धारण करती है।
ध्यान के 3 आध्यात्मिक लाभ
ध्यान का कोई धर्म नहीं है और किसी भी विचारधारा को मानने वाले इसका अभ्यास कर सकते हैं।
मैं कुछ हूँ इस भाव को अनंत में प्रयास रहित तरीके से समाहित कर देना और स्वयं को अनंत ब्रह्मांड का अविभाज्य पात्र समझना।
ध्यान की अवस्था में आप प्रसन्नता, शांति व अनंत के विस्तार में होते हैं और यही गुण पर्यावरण को प्रदान करते हैं, इस प्रकार आप सृष्टी से सामंजस्य में स्थापित हो जाते हैं।
ध्यान आप में सत्यतापूर्वक वैयक्तिक परिवर्तन ला सकता है।
क्रमशः आप अपने बारे में जितना ज्यादा जानते जायेंगे, प्राकृतिक रूप से आप स्वयं को ज्यादा खोज पाएंगे।
क्रमशः आप अपने बारे में जितना ज्यादा जानते जायेंगे, प्राकृतिक रूप से आप स्वयं को ज्यादा खोज पाएंगे।
ध्यान के लाभ कैसे प्राप्त करें - How to Meditate
ध्यान के लाभों को महसूस करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है।
प्रतिदिन यह कुछ ही समय लेता है।
प्रतिदिन की दिनचर्या में एक बार आत्मसात कर लेने पर ध्यान दिन का सर्वश्रेष्ठ अंश बन जाता है। ध्यान एक बीज की तरह है।
जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है |
प्रतिदिन यह कुछ ही समय लेता है।
प्रतिदिन की दिनचर्या में एक बार आत्मसात कर लेने पर ध्यान दिन का सर्वश्रेष्ठ अंश बन जाता है। ध्यान एक बीज की तरह है।
जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है |
प्रतिदिन, सभी क्षेत्रों के व्यस्त व्यक्ति आभार पूर्वक अपने कार्यों को रोकते हैं और ध्यान के ताज़गी भरे क्षणों का आनंद लेते हैं।
अपनी अनंत गहराइयों में जाएँ और जीवन को समृद्ध बनाएं।
अपनी अनंत गहराइयों में जाएँ और जीवन को समृद्ध बनाएं।
तनाव कम करने में मददगार - Meditate to Relieve Stress and Anxiety
योग गुरु सदियों से इस बात को मानते हैं कि महज एक महीने के मेडिटेशन से दिमागी को दुरुस्त किया जा सकता है।
लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को माना है।
अध्ययन से पता चला है कि मेडिटेशन के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया।
उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए।
लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को माना है।
अध्ययन से पता चला है कि मेडिटेशन के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया।
उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए।
अध्ययन के दौरान मस्तिष्क के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हिस्से में भी अच्छे बदलाव पाये गये।
इस हिस्से में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों यानी एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं।
इसके अलावा जर्नल हेल्थ साईकोलॉजी में हाल ही में हुए शोध के अनुसार मेडिटेशन से तनाव मुक्ति और शांति पाने का सबसे कारगर उपाय है।
मेडिटेशन से शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है।
इस हिस्से में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों यानी एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं।
इसके अलावा जर्नल हेल्थ साईकोलॉजी में हाल ही में हुए शोध के अनुसार मेडिटेशन से तनाव मुक्ति और शांति पाने का सबसे कारगर उपाय है।
मेडिटेशन से शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे आपका दिमाग शांत रहता है और आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिलती है।